इससे एलियो को और भी उलझन हो रही थी, जो जिज्ञासु हो रहा था कि आखिर वह आदमी किसका इंतज़ार कर रहा था। अवश्य ही यह कुछ बहुत अति महत्वपूर्ण चीज़ होगी कि वह लगातार घड़ी की ओर देखे जा रहा था।
अचानक एक बार और घड़ी देख कर बूढ़े आदमी ने अपनी किताब बंद कर दी और काले बैग में से कुछ निकालने के लिए नीचे झुक गया, जो उसने अपने पैरों के बीच में दबा रखा था। जब वह नीचे झुका तो उसकी पैंट ज़रा सी ऊपर उठ गई जिससे उसके काले टखने और अजीब से पतले काले मोज़े जो काले फर के जैसे दिखते थे, उजागर हो गए।
एलियो का अपने डर पर क़ाबू नहीं रहा और वह काँपने लगा। जब बूढ़ा आदमी अपने खुद के बैग से कुछ निकाल रहा था, वह ठहाका लगा कर हंस पड़ा, जैसे वह एलियो की दहशत को समझ गया हो। यह एक लंबी, गहरी और भयानक हंसी थी, जो उसके कानों में गूंज रही थी। एलियो ने उस शोर से बचने के लिए अपने कानों को अपने हाथों से ढक लिया। उसने उस आदमी के प्रतिबिंब को देखने से बचने के लिए अपनी आँखें बंद कर लीं और मन ही मन कहने लगा: “लिबेरो, वापस आ जाओ। लिबेरो वापस आ जाओ।”
फिर डब्बे का स्वचालित दरवाजा बड़े बेढंगेपन से खुला।
“एलियो, तुम क्या कर रहे हो? क्या तुम्हें कान का इन्फेक्शन लग गया है? इन शहरी विषाणुओं से हम गाँव वालों को संक्रमित मत कर देना!”
एलियो चौंका। फिर जब उसने लिबेरो की मज़ाकिया आवाज़ को पहचाना, तब उसने मुड़ कर अपने भाई को हँसते हुए देखा; उसने अपने हाथों में एक शॉपिंग बैग और एक सॉफ्ट ड्रिंक की बोतल पकड़ी हुई थी। गाइया उसके ठीक पीछे खड़ी थी और एक बड़े से क्रोइसेन को दातों से काट कर खा रही थी।
वहाँ बूढ़े आदमी का नामो-निशान नहीं था। वह वैसे ही गायब हो गया था, जैसे वह पहले प्रकट हुआ था। जो भी चीज़ उससे संबन्धित थी, वह हर चीज़ गायब हो चुकी थी: उसकी किताब, उसकी घड़ी और उसका बैग। लिबेरो एलियो के बगल में बैठा, और उसे एक क्रोइसेन देते समय उसने ध्यान दिया कि वह काँप रहा था।