गाइया और लिबेरो बात करने वाली मशीन के बिलकुल सामने से गुजरे, जो बार बार एक ही बात दोहराए जा रही थी, और वे मुसकुराते हुए सुरंग की ओर बढ़ गए।
सुरंग की सीढ़ियां चढ़ने और उतरने के लिए एलियो को गाइया के बड़े सामान को उसके हैंडल से पकड़ना पड़ा। वह पूरी तरह से थक चुका था।
आखिरी की कुछ सीढ़ियों में, इस उम्मीद में, कि पार्किंग की जगह इडा आंटी उन्हें घर ले जाने के लिए उनका इंतज़ार कर रही होंगी, उसने आखिरी प्रयास किया।
लेकिन जब वे पार्किंग की जगह पहुंचे तो उसने देखा कि कोई भी उनका इंतज़ार नहीं कर रहा था। लिबेरो अपनी बगल में गाइया को लिए पश्चिम की ओर एक संकरी सड़क पर बढ़ चला, जिसमें ऊबड़-खाबड़ ढंग से खड़ंजे बिछे हुए थे। सड़क के दोनों ओर दो नहरें बह रही थीं, जो इसे एक ओर भुट्टे के खेतों से और दूसरी ओर गेहूं के खेतों से अलग करती थी।
एलियो जो बेचैनी से अपनी साँसों को संभालने की कोशिश कर रहा था, उन पर एक पल रुकने के लिए चिल्लाया। उसकी बहन भ्रमित सी पीछे मुड़ी। उसे याद नहीं था कि पिछली बार उसने अपने भाई को इस लहजे में बात करते कब सुना था, कब अकेले रह जाने पर वह इस तरह चिल्लाया था।
“आंटी इडा की कार कहाँ है?” एलियो ने पूछा।
“ओह, माफ करना, मैं तुम्हें बताना भूल गया था। उन्होंने मुझे यह बताने के लिए फोन किया था कि वे नहीं आ पाएँगी। कैमिला, हमारी गाय, प्रसव वेदना में है और माँ उसे इस हालत में अकेला नहीं छोड़ सकतीं।”
“कैमिला? प्रसव वेदना में? हम क्या करने जा रहे हैं?” एलियो ने हाँफते हुए पूछा।
“चिंता मत करो। सिर्फ चार मील चलना है और हम खेतों पर होंगे।” लिबेरो ने सहज भाव से जवाब दिया।
“चार मील?” ये एलियो के आखिरी शब्द थे।
“चलो! तुम्हारी बहन का सामान तो कुछ भी नहीं है!” लिबेरो ने उसे चिढ़ाया, और वह भी चलने लगा।
कुछ दूरी पर पहले कुछ घर