इसके बाद वे जाने के लिए तैयार हो गए।
घर के सभी मर्दों को अपेक्षा से अधिक समय तक इंतज़ार करना पड़ा। इडा और गाइया दोनों बहुत समय ले रही थीं। एलियो मूड में नहीं था। साथ ही वह सोच रहा था कि जो पहनावा पूरे दिन उसने दिखाया था, वह कुछ ज़्यादा ही था। एर्कोल ने जींस पहनी थी और बालों में बहुत सा जेल लगाया था।
लड़कों में लिबेरो को सबसे ज़्यादा समय लगा। वह तब तक अपने कमरे से बाहर नहीं आया, जब तक वह पूरी तरह तैयार नहीं हो गया। वह अपनी कैप्री पैंट और राग-बिरंगी कमीज़ में जीवन से भरपूर लग रहा था, जो सब पर कुछ ज़्यादा ही लगती, लेकिन उस पर जंच रही थी।
उसकी आँखें चमक रही थीं। यह एक ऐसा उत्सव था, जिसका वह सबसे ज़्यादा मज़ा उठाता था।
जैसे ही सब तैयार हो गए, एलियो ने उस यातना से भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे उसकी आंटी के उत्साह ने पकड़ लिया, जो पहचान में ही नहीं आ रही थी। उसने एक काली फूलों वाली ड्रेस और ऊंची एड़ी के जूते पहने थे और उसके बाल उसके कंधों पर लहरा रहे थे। इसके अलावा उसने अपने चेहरे पर मेकअप किया था। उसने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे बाहर तक ले आई।
रास्ते भर वे रौशनियों की, छोटी छोटी झंडियों की और सजावट की तारीफ करते रहे, जो उस साल के उत्सव के आयोजकों द्वारा की गई थी।
सड़क के किनारे सभी आकृतियों में घास के गट्ठर कस्बे को सजा रहे थे।
शहर के केंद्र में युद्ध स्मारक पैरे से बने हुए विशाल पहियों से घिरा हुआ था।
मुख्य चौक पर मंच बनाया गया था, जहां मार्चिंग बैंड का प्रदर्शन होना था।
डांस फ्लोर के चारों ओर सारी कुर्सियों पर बुज़ुर्गों ने कब्जा कर रखा था, जो बातें कर रहे थे और जवान लोगों के नृत्य की तारीफ करने का इंतज़ार कर रहे थे। छोटे बच्चे पहले ही बड़ों की नक़ल करते हुए डांस फ्लोर पर दौड़ लगा रहे थे, जो नृत्य के दौरान उनको नज़र अंदाज़ कर देने वाले थे।
उस रात शहर में हर कोई गाइया