-मुझे मुबारकबाद देने के लिए धन्यवाद। मैं हमेशा उन लोगो के साथ खड़ा होऊंगा जो अपवर्जित है। मैंने जो अध्यात्मीक अनुभव किया वह मेरे लिए पहेली है। उसका क्या मतलब है? क्या आप मुझे समझा सकती हैं?
-हम सब के पास वह क्षमता है कि हम विचारों के द्वारा दूसरी दुनिया को समझ सकते हैं यह है, जिसे सूक्ष्म यात्रा कहा जाता है। यहाँ इस मुद्दे से सम्बंधित कुछ विशेषज्ञ है। जो तुमने देखा वो तुम्हारे या किसी दूसरे के भविष्य से सम्बंधित है, आपको नहीं पता।
-मैं समझता हूँ। मैं पहाड़ चढ़ गया, पहले दो चुनैतियां भी पूरी कर ली और मै अध्यात्मीक रूप से विकसित हो रहा होऊंगा। मुझे लगता है जल्द ही मैं निराशा की गुफा का सामना करने के लिए तैयार हो जाऊँगा। वह गुफा जहाँ चमतकार होते हैं तथा सपने और प्रगाढ़ हो जाते हैं।
-तुम्हे तीसरी चुनौती करनी होगी और वह क्या है मैं कल बताऊंगी। निर्देशों का इंतज़ार करो।
-जी। मैं बड़ी ही व्याकुलता से उसका इंतज़ार करूँगा। जैसा की आप मुझे कहती हैं, परमेश्वर का पुत्र, वह अब बहुत भूखा है और अपने लिए सूप बनायेगा, आप आमंत्रित है।
-बहुत अच्छे। मुझे सूप बहुत पसंद है। इसे मैं तुम्हे अच्छे से जानने के मौके के रूप में उपयोग करुँगी।
वह अजीब औरत चली गई और मुझे अपने ख्यालों के साथ अकेला छोड़ गई। मैं जंगल में सूप के लिए सामग्रियां ढूंढने चला गया।